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बिहार/सुपौल- अधीक्षण अभियंता ने कोसी बराज के 56 फाटक खोलने का दिया संकेत, लोगों में मचा कोहराम



फोटो- जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान की ओर जाते बाढ़ पीड़ित 
लालबहादुर यादव/ किशनपुर (सुपौल)। कोसी अंचल वीरपुर के अधीक्षण अभियंता ने मंगलवार की दोपहर डीएम सुपौल, सहरसा आदि को पत्र लिखकर 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी होने के स्थिति में कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोलने की बात कही है। वहीं इस जानकारी के बाद कोसी तटबंध के अंदर सहित बाहर में लोगों में त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्र हो गई है। काफी संख्या में लोग अपने जानमाल को सुरक्षित करने में जुटे हुए है। कई परिवार बाहर नहीं निकलने के स्थिति में घर के छप्पर पर शरण ले चुके हैं। सभी को किसी तरह जान बचाने की चिंता लगी हुई है।
कई परिवार सरायगढ, निर्मली बडी रेल लाइन, टिला के अलावे गाईड बांध पर शरण लिए हुए हैं। बौराहा पंचायत के मुखिया उदय कुमार चौधरी के अनुसार कोसी का दबाव सबसे अधिक कमलदहा, अरराहा,  सोनवर्षा, बुर्जा, गुढ़ियारी, मानिकपुर, झखराही आदि गांव में है। कई परिवार ऊंचे स्थान पर शरण ले चुके हैं जिन्हें भोजन पानी एवं पॉलीथिनशीट की आवश्यकता है जो प्रशासन से मांग की गई है। वही दुबियाही पंचायत के मुखिया शंकर यादव, मौजहा पंचायत के मुखिया जगरनाथ महतो आदि के द्वारा लोगों को कोसी तटबंध से बाहर निकालने में जुटे हुए है। सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाएं एवं छोटे-छोटे बच्चों को है। लोगों के समक्ष खानपान की समस्या के साथ-साथ मवेशी चारे की भी किल्लत हो गई है। कई मवेशी दो दिनों से भूखे खूंटा में बंधा पड़ा हैं। वही पशुपालन पदाधिकारी डॉक्टर राहुल कुमार ने बताया कि कोसी के अंदर मवेशियों की चारा पहुंचाना मुश्किल साबित हो रहा है। उन्होंने पशुपालकों से आग्रह किया कि वे अपने मवेशियों को ऊंचे स्थान पर लाएं।
फोटो- जान बचाने को लेकर घर के छप्पर पर शरण लेते लोग
वहीं आरडीओ अजीत कुमार ने बताया कि पानी बढ़ने के स्थिति में भयावह स्थिति उत्पन्र हो सकती है। उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में नाव की उपलब्धता कराई गई है। प्रखंड मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित कर लगातार नाव के परिचालन का जायजा लिया जा रहा है। लोगों को उंचे स्थान शरण लेने की अपील की जा रही है।





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