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Bihar/सुपौल - सिकरहट्टा मझारी निम्न बांध टूट से लिया सबक, अभियन्ता लगातार कर रहे तटबन्धों की चौकसी

 

आश नारायण मिश्रा / वीरपुर (सुपौल)। कोशी नदी पर कोशी बराज की स्थापना काल से ही कोशी नदी अभियंताओ को इस नदी के स्वभाव के कारण बनी परिस्थितियों के कारण यह इंजीनियरिंग की प्रयोगस्थली रही हैं। अभियंता कहते हैं कि समय-समय पर बाढ़ अवधि से पूर्व और बाढ़ अवधि के बाद कोशी नदी में प्रयोग होता रहता हैं। फिर भी कोशी नदी अभियंताओ के सारे इंजीनियरिंग को धता बता समय-समय पर अपना रुद्र रूप दिखा तटबन्ध को तोड़ बाहर निकलती रही हैं जिसका नमूना कुसहा त्रासदी हो चाहे सिकरहट्टा मझारी फिर से अभियंता टूटे हुए भाग को पाटने में लग कर फिर से नए प्रयोग में जुट जाते है। यही लीला चलती रहती हैं । 


परन्तु जिम्मेदारी न अभियन्ता की होती है न सरकार की। जिम्मेदारी कोशी नदी पर ही डाल दी जाती हैं जिसका ताजा उदाहरण सिकरहट्टा मझारी निम्न बांध के टूटने के सवाल पर सुपौल डीएम महेंद्र कुमार ने कहा कि अभी हमलोगों का ध्यान इस बात पर नही है कि टूटने की जिम्मेदारी किसकी हैं अपितु इसपर हैं कि टूटे भाग को कितनी जल्दी जोड़कर लोगों को आपदा से बचाया जा सके। 

सरकार की नीति के सामने सब बेबस हैं आखिरकार जनता ही मारी जाती हैं जो इन अभियंताओ की गलती का शिकार हो आपदा झेलती हैं और महीनों प्लास्टिक के टेंटो में परिवार के साथ हालात सामान्य होने तक बिताती हैं। कोशी नदी अपने बढ़ते जलस्तर के साथ तटबन्धों पर कटाव नहीं करती है। जब नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद घटने लगता है तो कटाव करती हैं। कोशी नदी का जलस्तर कोशी बराज कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी अनुसार दिन के 4 बजे 1 लाख 32 हजार 85 क्यूसेक हैं। इस डिस्चार्ज पर मुख्य अभियंता जल संसाधन बिभाग वीरपुर मनोज रमण से प्राप्त जानकारी के आधार पर पश्चमी तटबन्ध प्रमंडल निर्मली अंतर्गत डगमारा मार्जिनल तटबन्ध के एस 1 एवं एस 2 स्पर के बीच पूर्व में मनरेगा द्वारा निर्मित बांध के बीच क्लोजर भाग में हो रहे सीपेज में उत्तरोत्तर कमी हो रही हैं।

नदी भाग में एनसी से डंपिंग एवं परकोपैन का कार्य कराया जा रहा है। डगमारा मार्जनल तटबन्ध के 1.5 किमी पर क्षतिग्रस्त भाग को बोल्डर क्रेटिंग कर 12 किमी की चौड़ाई में बेस जोड़ने का जलस्तर के ऊपर तटबन्ध के दोनों किनारों को जोड़ा जा चुका है। कटइंड भाग में हो रहे क्रेक के मद्देनजर एनसी लूज पिचिंग आदि कार्य कराया जा रहा है।

पूर्वी कोशी तटबन्ध प्रमंडल वीरपुर कैम्प हवामहल अंतर्गत पुल्टेगोरा स्पर सख्या 12 में सिंकिंग की प्रवृति को देखते हुए बाढ़ से सघार्षात्मक एवं रिप्लेनिस करने का कार्य कराया जा रहा है। पूर्वी कोशी तटबन्ध चन्द्रयान अंतर्गत 98 किमी पर पानी का दबाब को देखते हुए फ्लड फाइटिग कार्य करा सुरक्षित किया जा रहा है। शीर्ष कार्य प्रमंडल वीरपुर के अंतर्गत मार्जिनल तटबन्ध सिकरहट्टा मझारी निम्न बांध के अपस्ट्रीम के कट बिंदु पर ईसी बैग एनसी मेगा जिओ बैग से बाढ़ से सघर्षात्मक कार्य करा सुरक्षित किया जा रहा है। तटबन्ध और सभी संरचना सुरक्षित हैं अभियन्ता चौकसी बरत रहे हैं। 


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