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Bihar/सुपौल - नगर पंचायत बीरपुर ने आपदा को बनाया अवसर, कर रहा लाखों की उगाही

बिना क्रम सं अंकित किये खाली रशीद पर वसूला जा रहा जुर्माना

जुर्माने की राशि अंकित कर  राज्य  स्वास्थ समिति ,अनुमंडल प्रशासन के सहयोग से कोबिड मास्क के नाम पर जुर्माना वसूल 

रसीद पर क्रम सं अंकित नही होने का मामला है तो यह रसीद अनुमंडल कार्यालय द्वारा दी गई है। जिसे राज्य स्वास्थ समिति छपवाती है। हाँ यह जरूर है कि बचपन में जब हम लोग सरस्वती पूजा का भी रसीद काटते थे तो उस पर भी रसीद का क्रम सं अंकित होता था। हालांकि  मेरे द्वारा दण्ड स्वरूप जो भी राशि ली गई हैं उसका पूरा लेख जोखा अनुमंडल कार्यालय में सौप दिया जाता रहा हैं जिसे जब जो चाहे देख सकता है। -   किशोर कुणाल (कार्यपालक पदाधिकारी)

आश नारायण मिश्रा/वीरपुर (सुपौल)। 

कोबिड संक्रमण से परेशान पूरे विश्व मे इस संक्रमण से बचाव का बस एक ही नारा था कि दो गज की दूरी, मास्क हैं जरूरी। परन्तु कुछ लोग आपदा मे भी अवसर खोज लेते हैं इसका उदाहरण हैं नगर पंचायत वीरपुर जहां, बिना मास्क लगाये लोगो से बिना रशीद पर क्रम संख्या छापे और बिना किसी अधिकारी के हस्ताक्षर के लॉक डाउन के दौरान विगत 16 महीनों में मास्क लगाने की अनिवार्यता की प्रशासनिक सख्ती के कारण जुर्माने के तौर पर नगर पंचायत बीरपुर आम जनता से लाखों रुपये की उगाही कर चुका है।

क्या कहती है जनता:- 

बीरपुर वार्ड  नम्बर 8 निवासी चंद्रशेखर भगत जो पिछले 25 वर्षों से प्रिंटिंग प्रेस  चलाते हैं कहते है कि वे अपने बीमार बच्चे का इलाज कराने गुरूवार को अस्पताल गये थे लौटने के क्रम में बीरपुर गॉलचौक के पास कुछ सिपाही के साथ नगर पंचायत बीरपुर के अधिकारी जो बिना मास्क लगाए लोगों से जुर्माना उसूल रहे थे मुझे भी बिना मास्क लगाए होने के कारण उनके द्वारा इस अपराध के बदले जुर्माने की रकम 50 रुपये की रसीद काटी गई। उन्होंने कहा कि उन्हे जुर्माना वसुले जाने का कोई दुख नहीं है लेकिन जुर्माने की रसीद पर न तो कोई क्रम संख्या अंकित नहीं था और ना ही कोई तारीख। हालांकि रकम भरने की जगह तारीख जरूर अंकित था। इसे लेकर शक हुआ कि यह रसीद असली है या नकली। इसके लिए उन्होंने एसपी, डीएम, डीडीसी, कमिश्नर, नगर विकास एवं आवास विभाग, लोक जन शिकायत में आवेदन दिया है कि सही तथ्यों की जांच हो कि कोडिड के नाम पर वसूले गये लाखों रुपये की राशि, सरकारी खजाने में गयी या बाबुओ की जेब में। उन्होंने कहा कि अपने 25 वर्षो के प्रिंटिंग  प्रेस चलाने के अनुभव के दौरान उन्होंने कई सरकारी विभाग का कार्य किया है। उन्होंने रसीद दिखाते हुए कहा कि यह मेरे जीवन का पहला सरकारी रसीद हैं जिस पर न तो क्रम संख्या अंकित है न ही किसी अधिकारी का हस्ताक्षर।

इस विषय पर क्या कहते हैं अधिकारी:-

नगर पंचायत वीरपुर के कार्यपालक पदाधिकारी किशोर कुणाल कहते है कि कोविड काल मे जिला प्रशासन के निर्देश पर बिना मास्क पहने लोगो से नगर पंचायत के द्वारा जुर्माने के रूप में 50 रुपये की राशि नगर कर्मियों द्वारा वसूली जाती है। जहां तक रसीद पर क्रम सं अंकित नही होने का मामला है तो यह रसीद अनुमंडल कार्यालय द्वारा दी गई है। जिसे राज्य स्वास्थ समिति छपवाती है। हाँ यह जरूर है कि हम लोग भी बचपन में सरस्वती पूजा का भी रसीद काटते थे तो उस पर भी रसीद का क्रम सं अंकित होता था। फिर भी मेरे यहाँ मास्क नही लगाए होने के कारण दण्ड के रूप में जो भी राशि ली गई हैं उसका पूरा लेखजोखा अनुमंडल कार्यालय में सौप दिया जाता हैं जिसे जब जो चाहे देख सकता है।

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