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Bihar-कागज पर चल रही जन औषधि केंद्र एक ही ब्यक्ति के नाम पर नो दुकान आवंटन।




 बिहार में ‘आपदा में अवसर’ बनाने वालों की  नहीं है कमी

सेंट्रल डेस्क(राज टाइम्स)

आम जनता को सस्ती कीमत पर जेनेरिक दवाएं सुलभ कराने के मकसद से शुरू किये गए जन औषधि केंद्रों को भी ‘आपदा में अवसर’ बनाने वालों ने नहीं छोड़ा। कोरोना काल में ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर अत्यावश्यक दवाओं में मोटी कमाई करने वालों की नजर से जन औषधि केंद्र भी नहीं बच सके। लिहाजा लोगों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने की योजना पूरी तरह दम तोड़ चुकी है। नवादा जिले में जन औषधि केंद्रों के वितरण संबंधी ऐसा ही प्रकरण सामने आया है, जहां एक ही शख्स के नाम से नौ दुकानें आवंटित की गयी हैं, वह भी सिर्फ कागजों पर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन औषधि योजना को लागू करते वक्त जिस वृहद लक्ष्य का जिक्र किया था, वह नवादा जिले में कागजों पर सिमटता नजर आ रहा है। दिलचस्प यह है कि जिले में नौ स्थानों पर जन औषधि केंद्र का संचालन किया जा रहा है, लेकिन कागजों पर। धरातल पर यह केंद्र अभी कहीं नहीं संचालित है। पड़ताल में एक बात चौकाने वाले मिली कि एक ही शख्स ( पवन कुमार ) के नाम पर सभी नौ जगहों पर केंद्र संचालन किये जा रहे हैं।

  • पोर्टल पर दिख रहे जन औषधि केंद्र, धरातल पर गायब

केंद्र सरकार के वेबसाइट पर जिले में नवादा शहर, रोह, रूपौ, कौआकोल, पकरीबरावां, अकबरपुर, नारदीगंज, हिसुआ और रजौली में केंद्र संचालन की जानकारी दी गयी है। जिसमें दुकान का पता भी दिया गया है। विभागीय पोर्टल के अनुसार अंकित पते पर नवादा में जानकारी ली गई तो इसका कहीं भी पता नहीं चला। नवादा नगर में पुरानी जेल रोड, अस्पताल रोड पता अंकित है। दिलचस्प यह भी कि पुरानी जेल रोड और अस्पताल रोड अलग मोहल्ले हैं। हालांकि दोनों मोहल्ले सटे हुए हैं, पर दोनों मोहल्लों में जन औषधि केंद्र के बारे में स्थानीय लोग नहीं बता सके।

  • कहीं महीनों से बंद तो कहीं शुरू भी नहीं हुए औषधि केंद्र



वैसे तो नवादा में कुछ स्थानों पर कुछ दिनों के लिए जन औषधि केंद्र खुलने की जानकारी मिल रही है, लेकिन अभी वे भी बंद पड़े हैं। पकरीबरावां में पिछले छह महीने से जन औषधि केंद्र बंद है, तो नारदीगंज , अकबरपुर, रोह, रुपौ में भी कमोबेश यही स्थिति है। रजौली में यह केंद्र खुला तक नहीं। हालांकि हिसुआ में जन औषधि केंद्र को पीएचसी में शिफ्ट कर दिए जाने की सूचना है।


वर्ष 2015 में पीएम मोदी ने शुरू की थी जन औषधि योजना

जानकारी के अनुसार , 28 अप्रैल 2018 को जन औषधि केंद्र संचालन शुरू हुआ था। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 को शुरू की थी। इस योजना के तहत सस्ती दर पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाईयों को उपलब्ध कराना था। जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड या फार्मा की दवाओं के मुकाबले सस्ती होती हैं, जबकि प्रभावशाली उनके बराबर ही होती हैं।
प्रधानमंत्री जन औषधि अभियान मूलतरूप से जनता को जागरूक करने के लिए शुरू किया गया है ताकि जनता समझ सके कि ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में जेनेरिक मेडिसिन कम मूल्य पर उपलब्ध है। साथ ही इसकी क्वालिटी में किसी तरह की कमी नहीं है। इस योजना के तहत आम नागरिकों को बाजार से 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मुहैया कराना था।

  • सिविल सर्जन ने कहा- ड्रग इंस्पेक्टर से मांगी गयी है जांच रिपोर्ट

नवादा में जन औषधि योजना में हुए घालमेल के संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर से जन औषधि केंद्र के संबंध में जानकारी मांगी गई है। जिसमें जिले में नौ स्थानों पर केंद्र के होने के बारे में जानकारी मिली है। लेकिन केंद्र का संचालन नहीं हो रहा है। इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

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