- बच्चों को भी व्यस्क दिखाकर की जा रही है
सरकारी राशि की लूट,
- खुलेआम चल रहा आपदा में अवसर का खेल
लालबहादुर यादव/किशनपुर (सुपौल)।
एक तरफ जहां कोरोना काल में लोग मानवता की रक्षा के लिए एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने करोना काल में अपनी अनैतिक कार्यों के द्वारा आमदनी बढ़ाने में जुटे हुए हैं। जिसका एक झलक प्रखंड मुख्यालय स्थित मिडिल स्कूल कुमारगंज में संचालित कम्युनिटी किचन में देखने को मिल जा रहा है । प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो यहां मामूली रूप से प्रतिदिन मात्र 25 से 30 व्यक्ति ही भोजन करते हैं जिसमें अधिकांशतः 5 से 10 साल के बीच के बच्चे है। लेकिन सरकारी आंकड़ा प्रतिदिन 150 से 200 का होता है। कम्युनिटी किचन के नाम पर चल रहे इस फर्जीवाड़े को लेकर चर्चाएं आम हो गई है। बावजूद संचालन में लगे अधिकारी एवं कर्मियों के कान पर जू तक नहीं रेंग रहा है। हैरत की बात यह है कि शिविर प्रभारी बनाए गए राजस्व कर्मचारी खुद शिविर से नदारद रहते है। उनके बदले किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा शिविर की व्यवस्था देखी जा रही है। इस प्रकार कम्युनिटी किचन के नाम पर चल रहे यह फर्जीवाड़ा के खेल को लोगों ने गंभीरता से लेते हुए जाप के प्रखंड अध्यक्ष मुकेश कुमार, राकेश कुमार, धीरज कुमार आदि ने जिला पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए शिविर की जांच कर हेराफेरी करने वालो के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है । वहीं सीओ संध्या कुमारी ने बताया कि खाना खाने वाले बच्चा हो या बूढ़ा सभी से हस्ताक्षर या अंगूठा का निशान लिए जा रहे है ।
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