इन्टरनेशनल डेस्क (राज
टाइम्स)। नेपाल के मधेशवादी पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजपा) व समाजवादी
पार्टी की ओर से भी सोमवार को संविधान संशोधन विधेयक संसद् सचिवालय में पंजीकृत
कराया गया है। राजपा नेता लक्ष्मणलाल कर्ण के संयोजन में दलों के नेताओं के
द्वारा संशोधन विधेयक पंजीकृत किया गया है
।
संशोधन विधेयक
पंजीकरण कराने के उपरांत नेता कर्ण ने कहा है कि सरकार को यह विधेयक स्वीकार करना
होगा। अगर हमारे पंजीकृत विधेयक को समर्थन नहीं मिलेगा तो सरकार की ओर से पंजीकृत
विधेयक को हमलोगों के द्वारा अस्वीकृत कर दिया जाएगा। पंजीकृत संविधान संशोधन
विधेयक में राजपा की ओर से नेता लक्ष्मणलाल कर्ण व समाजवादी पार्टी की ओर से
राजेन्द्र प्रसाद श्रेष्ठ ने हस्ताक्षर किया है।
मधेश केंद्रित दलों
के द्वारा पंजीकृत कराए गए संशोधन प्रस्ताव में मुख्य रूप से नागरिकता,
भाषा व समावेशी सम्बन्धी
प्रावधान में भी संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है। प्रदेश के संख्यात्मक सीमांकन के
बदलाव विशेष संरचना के विषय में भी सिफारिश करने के लिये आयोग गठन करने की व्यवस्था
करने के लिये संविधान संशोधन में प्रस्ताव रखा गया है। सभी मातृभाषा को संविधान के अनुसूची में समावेश कर
सरकारी कार्य के लिये संविधान के अनुसूची में समावेश करने के विषय को संशोधन में
रखा गया है।
संविधान संशोधन का प्रमुख
विषय है नागरिकता
संविधान संशोधन में धारा
11 (6) में नागरिकता सम्बन्धी प्रावधान को बदलने की मांग की गई है। जिसमे कहा गया
है कि ‘नेपाली नागरिक के साथ वैवाहिक सम्बन्ध कायम किये गए विदेशी महिला अगर अपने मर्जी से अपने देश की नागरिकता
का त्याग करती है तो नेपाल के संघीय कानून अनुसार नेपाल से वैवाहिक अंगीकृत
नागरिकता लिया जा सकता है। जिसके धारा में प्रतिबन्धात्मक वाक्य को रखा जा सकता है।
नेपाल के सभी मित्रराष्ट्र के बीच हुए समझौता के आधार पर विदेशी सेना में रहे नेपाली
नागरिक के द्वारा विदेश की नागरिकता प्राप्त करने पर भी सभी को नेपाल की नागरिकता
को निरन्तरता देने की व्यवस्था संशोधन में रखा गया है।
अभी नेपाल में विदेशी
महिला को वैवाहिक अंगीकृत नागरिकता दिया जाए या नही इसमे विवाद है। राजनीतिक रूप में समाधान नही होने की
वजह से नेपाल में संविधान को लागू हुए साढे
तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी नागरिकता कानून नही बन पाया है।
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