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कोरोना पर पीएम नरेंद्र मोदी का वीडियो संदेश, लॉकडाउन में दिखा अनुशासन, 5 अप्रैल को रात के 9 बजे 9 मिनट का मांगा वक्त

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देशवासियों को सुबह नौ बजे वीडियो संदेश जारी कर संबोधित किया है। इस वीडियो संदेश में पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस और लाॉकडाउन को लेकर कई बातें कहीं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के नौ दिनों में देश में अनुशासन दिखा है। पीएम मोदी ने कहा, साथियों, आज जब देश के करोड़ों लोग घरों में हैं, तब किसी को भी लग सकता है कि वो अकेला क्या करेगा। कुछ लोग ये भी सोच रहे होंगे कि इतनी बड़ी लड़ाई को, वो अकेले कैसे लड़ पाएंगे। लेकिन हम अकेले नहीं हैं।

पीएम मोदी ने मांगा- 5 अप्रैल को रात के 9 बजे 9 मिनट का वक्त, जानें क्या करना है उस दौरान
पीएम मोदी ने कहा, ''130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल को रविवार को, रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं।ध्यान से सुनिएगा, 5 अप्रैल को रात 9 बजे, घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। और उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा। मोदी ने कहा, 5 अप्रैल वाले इस आयोजन के वक्त इकट्ठा नहीं होना
पीएम मोदी ने कहा, उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासी, एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प है।
पीएम मोदी ने कहा, साथियों, मेरी एक और प्रार्थना है, कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाज़े, बालकनी से ही इसे करना है।
पीएम मोदी ने कहा- Social Distancing की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है
पीएम मोदी ने कहा, Social Distancing की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। Social Distancing को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।
पीएम मोदी ने कहा, हमारे यहां कहा गया है- उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥ यानि, हमारे उत्साह, हमारी spirit से बड़ी force दुनिया में कोई दूसरी नहीं है।

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