वैशाली (राज टाइम्स). रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पैतृक निवास स्थान जावज, जंदाहा, वैशाली से आम जनों एवं मीडिया व रालोसपा के साथियों को फेसबुक लाइव के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा है कि बिहार सरकार कोरोना जैसी महामारी से निपटने में नाकाम साबित हो रही है । क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का हाल इतना बुरा है, जहां सिर्फ खानापूर्ति हो रही है । इस बदहाली का सच उजागर करने वाले मीडिया के लोगों पर पाबंदी लगाकर राज्य सरकार ने विचित्र निर्णय लिया है ।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर मीडिया के लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया है । ऐसा निर्णय सीधा लोकतंत्र पर हमला है । जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है । ऐसे निर्णय की जितनी निंदा की जाए कम है।
उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार के सामने यह प्रमुख मांगे एवं सुझाव रखा है :-
1) बिहार से बाहर फंसे मजदूरों जो घर वापसी चाहते हैं, को बुलाने की त्वरित कार्रवाई की जाए तथा वह स्वेच्छा से वहां ही रोकना चाहें, उनके खाते में ही उतनी रकम डाल दी जाए जितनी उनको ट्रेन से लाने, क्वॉरेंटाइन करने आदि पर खर्च हो जाता है । यह खर्च सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर कम से कम 10 हजार रुपये का होता है । अर्थात प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपये की राशि सभी के खाते में डालने की व्यवस्था की जाए ।
2) बिहार में रह रहे वैसे लोग, जिनके खाते में अब तक मात्र 1 हजार रुपये दिये गये है, उन्हें दूसरे किस्त की राशि भी शीघ्रतिशीघ्र उपलब्ध करवाई जाए ।
3) राज्य में रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु ठोस योजना बनाई जाए ।
4) किसानों के नुकसान की भरपाई हेतु ठोस, प्रयाप्त एवं त्वरित कार्रवाई की जाय ।
5) क्वॉरेंटाइन सेंटर से खबर संग्रहित करने से मीडिया कर्मियों को प्रतिबंधित करने के लोकतंत्र विरोधी आदेश को अविलंब वापस किया जाये ।
कार्यक्रम :-
मीडिया कर्मियों पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ दिनांक 10 मई को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक राज्य व्यापी "काला दिवस" मनाया जाएगा ।
उस दिन पार्टी के साथ ही मुंह पर काला पट्टी बांधकर बैनर/बोर्ड के साथ धरना सत्याग्रह पर बैठेंगे ।
उपेन्द्र कुशवाहा ने आम जनों से यह आग्रह किया कि लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए ताकि इस महामारी के संक्रमण को रोक पाना संभव हो । करोना संक्रमण के मामलों में पूरे देश में तेजी से वृद्धि हो रही है और लोगों की सजगता इससे बचाव के लिए जरूरी है ।
रिपोर्ट- धीरज झा
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर मीडिया के लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया है । ऐसा निर्णय सीधा लोकतंत्र पर हमला है । जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है । ऐसे निर्णय की जितनी निंदा की जाए कम है।
उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार के सामने यह प्रमुख मांगे एवं सुझाव रखा है :-
1) बिहार से बाहर फंसे मजदूरों जो घर वापसी चाहते हैं, को बुलाने की त्वरित कार्रवाई की जाए तथा वह स्वेच्छा से वहां ही रोकना चाहें, उनके खाते में ही उतनी रकम डाल दी जाए जितनी उनको ट्रेन से लाने, क्वॉरेंटाइन करने आदि पर खर्च हो जाता है । यह खर्च सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर कम से कम 10 हजार रुपये का होता है । अर्थात प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपये की राशि सभी के खाते में डालने की व्यवस्था की जाए ।
2) बिहार में रह रहे वैसे लोग, जिनके खाते में अब तक मात्र 1 हजार रुपये दिये गये है, उन्हें दूसरे किस्त की राशि भी शीघ्रतिशीघ्र उपलब्ध करवाई जाए ।
3) राज्य में रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु ठोस योजना बनाई जाए ।
4) किसानों के नुकसान की भरपाई हेतु ठोस, प्रयाप्त एवं त्वरित कार्रवाई की जाय ।
5) क्वॉरेंटाइन सेंटर से खबर संग्रहित करने से मीडिया कर्मियों को प्रतिबंधित करने के लोकतंत्र विरोधी आदेश को अविलंब वापस किया जाये ।
कार्यक्रम :-
मीडिया कर्मियों पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ दिनांक 10 मई को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक राज्य व्यापी "काला दिवस" मनाया जाएगा ।
उस दिन पार्टी के साथ ही मुंह पर काला पट्टी बांधकर बैनर/बोर्ड के साथ धरना सत्याग्रह पर बैठेंगे ।
उपेन्द्र कुशवाहा ने आम जनों से यह आग्रह किया कि लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए ताकि इस महामारी के संक्रमण को रोक पाना संभव हो । करोना संक्रमण के मामलों में पूरे देश में तेजी से वृद्धि हो रही है और लोगों की सजगता इससे बचाव के लिए जरूरी है ।
रिपोर्ट- धीरज झा

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